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खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएँ   बिहार में खाद्य प्रसंस्करण के लिए प्रचुर मात्रा में गुणवत्तायुक्त कृषि उत्पाद उपलब्ध  कृषि विभाग द्वारा खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े निवेशकों की

खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएँ बिहार में खाद्य प्रसंस्करण के लिए प्रचुर मात्रा में गुणवत्तायुक्त कृषि उत्पाद उपलब्ध कृषि विभाग द्वारा खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े निवेशकों की

 


 *खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएँ 

बिहार में खाद्य प्रसंस्करण के लिए प्रचुर मात्रा में गुणवत्तायुक्त कृषि उत्पाद उपलब्ध

कृषि विभाग द्वारा खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े निवेशकों की सहायता के लिए की जा रही कई योजनाओं का कार्यान्वयन* 

आज ज्ञान भवन, गाँधी मैदान, पटना में उद्योग विभाग, बिहार द्वारा बिहार के औद्योगिक विकास पर विमर्श के लिए आयोजित बिहार बिजनेश कनेक्ट, 2023 में सचिव, कृषि विभाग, बिहार श्री संजय कुमार अग्रवाल द्वारा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के समृद्धि में कृषि की भूमिका पर निवेशकों को विस्तृत रूप से बताया।

उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए बिहार में प्रचुर मात्रा में गुणवत्तायुक्त कृषि उत्पाद उपलब्ध है। बिहार में 70 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि पर आधारित है और गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पादन करते है। बिहार में तीन कृषि रोड मैप के अंतर्गत कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार कई महत्वाकाँक्षी योजनाओं को कार्यान्वित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप फसलों के उत्पादन तथा उत्पादकता में आशातीत वृद्धि हुई है। धान के उत्पादकता में 03 गुणा से अधिक, गेहूँ में 02 गुणा से अधिक और इंथनॉल इकाईयों की बात करते है तो राज्य के तीनों मौसम में मक्का का उत्पादन होता है। उत्पादन और उत्पादकता बढ़ने से खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों के लिए कच्चा माल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। राज्य में लगतार उत्पादन और उत्पादकता बढ़ी है। राज्य आज लीची, मशरूम और मखाना में देश में उत्पादन मे प्रथम स्थान पर है, जबकि अमरूद्ध, आलू, शहद, आम और केला के उत्पादन में देश के 10 प्रमुख उत्पादक राज्यों में से एक है। यह एक अच्छा संदेंश देता है कि राज्य में निवेश करने के लिए उपयुक्त वातावरण है। राज्य में कृषि उत्पाद कलस्टर में उत्पादित होता है। उदाहरण के तौर में हम मखाना की बात करे तो दरभंगा और पूर्णियाँ प्रमण्डल में, लीची की बात करे तो मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण तथा सीतामढ़ी जिले में उत्पादित किये जाते है। इस तरह राज्य में कच्चा माल कलस्टर में उपलब्ध होना खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों के निवेश के लिए काफी मददगार साबित होगा। 

सचिव, कृषि ने कहा कि राज्य में निवेश की संभावना के लिए यह बिहार बिजनेश कनेक्ट, 2023 एक मंच देता है। राज्य में आज खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों में निवेश हो रहा है लेकिन अभी और निवेश करने की आवश्यकता है। खासकर उत्पादन के उपरांत खाद्य उत्पादों के लिए कोल्ड चेन, आधारभूत संरचनाओं, उत्पादों कीे मूल्य श्रृंखला में निवेश की काफी संभावनाएँ है। उद्योग नीति के अलावा कृषि विभाग द्वारा बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति के अंतर्गत 07 चिह्नित क्षेत्रों में पूजीगत अनुदान की व्यवस्था की गई है। इसके साथ कृषि विभाग द्वारा कृषि यांत्रिकरण योजना अंतर्गत 150 करोड़ की योजना आधुनिक कृषि यंत्रों को अनुदानित दर पर दिया जाता है। बिहार में 01 हजार करोड़ कृषि यंत्रों का बाजार उपलब्ध है और वेयर हाऊस की माँग दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा जैविक खेती को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे बायोफर्टिलाईजर की माँग बढ़ती जा रही है। यैसे सभी सेक्टरों में निवेश की भरपूर संभावनाएँ है तथा निवेशकों की सहायता हेतु सरकार द्वारा कई योजनाएँ संचालित की जा रही है। 

श्री अग्रवाल ने कहा कि चतुर्थ कृषि रोड मैप के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.62 लाख करोड़ रूपये व्यय करने का प्रावधान किया गया है इसलिए आप सभों से अपील है कि आप राज्य में निवेश करे।

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